3 माह में Mutation की अर्जी तय करें तहसीलदार व एसडीएम
समय के भीतर Mutation अर्जी तय न करने पर अधिकारी होंगे अवमानना के दोषी: HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजस्व प्राधिकारियों को दाखिल खारिज (Mutation) की अर्जी तीन माह के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया है और कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 9 जुलाई 25 को जारी सर्कुलर या राजस्व संहिता में नियत तिथि या कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए Mutation अर्जी लंबित रखना सिविल अवमानना होगी. बिना किसी आदेश के अधिकारी अवज्ञाकारी और अवमानना का दोषी माना जायेगा.
कोर्ट ने सभी तहसीलदारों व एसडीओ को सर्कुलर का पालन करने तथा तय समय में दाखिल खारिज (Mutation) अर्जी निस्तारित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने महेंद्र सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता मनीष ने बहस की. याचिका में रामपुर जिले की मिलक के तहसीलदार को श्रीमती सुखविंदर कौर बनाम महेंद्र सिंह की धारा 209 एच के तहत दाखिल (Mutation) अर्जी तय करने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से दाखिल खारिज की अर्जी तय करने के लिए भारी संख्या में याचिकाएं आने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी कर सभी कलेक्टरों, तहसीलदारों व एस डी ओ को तय समय में कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है. जिस पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है.