5 लाख रुपये Extortion केस में फंसे अधिवक्ता की अग्रिम जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Extortion केस में फंसे अधिवक्ता मोहम्मद जैन की अग्रिम जमानत शर्तो के साथ मंजूर कर ली है और विवेचना अधिकारी को तीन माह के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया है. अधिवक्ता पर रंगदारी (Extortion) मांगने का आरोप है. बम्हरौली में 21 मई 2024 को फूलचंद केसरवानी नामक व्यक्ति ने अधिवक्ता मोहम्मद जैन,आदि के खिलाफ मारपीट और 5 लाख रुपये रंगदारी (Extortion) मांगने की एफआईआर दर्ज करायी.
अधिवक्ता सुनील चौधरी ने जस्टिस विवेक वर्मा की अदालत में यह कहते हुए अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की कि याची प्रयागराज जिला न्यायालय में अधिवक्ता है और घटना के दिन जनपद न्यायालय, प्रयागराज में मौजूद था. याची की मां श्रीमती अर्शी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड में गड़बड़ी और वक्फ नंबर 66, 67, 68 की संपत्तियों में अम्माद हसन को अवैध रूप से मुतवल्ली बनवाने की शिकायत की थी.
इस शिकायत पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जांच के आदेश दिए थे. याची स्वयं भी उक्त वक्फ संपत्ति पर वक्फ अलल औलाद के तौर पर मुतवल्ली बनने का प्रबल दावेदार था, लेकिन नियमों की अनदेखी कर अम्माद हसन ने खुद को मुतवल्ली घोषित करवा लिया. इस आदेश के विरुद्ध याची ने वक्फ बोर्ड, लखनऊ में मुकदमा किया है जो विचाराधीन है. जिसके कारण उसे झूठे केस (Extortion) में फंसाया गया है.
लापता का पता लगाकर कोर्ट में पेश करने को 2 माह का समय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर के जहानाबाद थाना क्षेत्र से लापता राम शरण की तलाश के लिए सरकारी वकील को दो माह का समय दिया है और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई की तिथि 20 नवंबर नियत की है. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की विवेचना के विस्तृत ब्योरे के साथ हलफनामा दाखिल किया जाय. कोर्ट ने एसपी फतेहपुर को भी अगली तिथि पर दुबारा हाजिर होने का निर्देश दिया है.
यह आदेश जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस जफीर अहमद की बेंच ने राम नारायण द्विवेदी व एक अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट के निर्देश पर एडीजी पुलिस प्रयागराज जोन व एसपी फतेहपुर ने हाजिर होकर व्यक्तिगत हलफनामा दिया और बताया कि लापता का पता लगाने के जरूरी कदम उठाए गए हैं. लापरवाही बरतने वाले कुछ पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा रही है.

कोर्ट ने कहा कि अधिकारियो ने उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई जानकारी नहीं दी जिनपर याचिका में पक्षकार बनाकर गंभीर आरोप लगाते गये है. इस मामले की विवेचना का ब्योरा नहीं दिया गया है. इस पर अपर शासकीय अधिवक्ता ने दो माह का समय मांगा और कहा पता लगाकर लापता को पेश करेंगे और पुलिस के खिलाफ विवेचना की विस्तृत जानकारी देंगे. इस पर कोर्ट ने अगली तिथि तक उठाये गये सभी कदमों की जानकारी मांगी है और एसपी को तलब किया है.
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