जानलेवा हमले के accused की 5 साल की सजा रद, HC ने किया बरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जानलेवा हमले के आरोपी (accused) इल्लुवा उर्फ हरि शंकर और बिलुआ उर्फ उमाशंकर को संदेह का लाभ देने हुए अपराध से बरी कर दिया है. यह आदेश जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की सिंगल बेंच ने इलुआ और अन्य की आपराधिक अपील पर दिया है. बांदा के टिंडवारी में 28 नवंबर 1978 को शाम 5 बजे चुन्नी लाल ने एफआईआर दर्ज कराया था.
आरोप लगाया कि राम अवतार की कृषि पर भूमि वह और शिवनंदन काम कर रहे थे. इसी दौरान इलुवा, बिलुआ और मुनुवा उन पर हमला करने के लिए आ गए. इलुआ (accused) ने उन पर देशी पिस्तौल से फायर किया. जिससे उनकी दाहिनी भौंह के ऊपर चोट लग गई. इसके बाद बिलुआ ने उन्हें लाठी से पीटना शुरू कर दिया जिससे उनके सिर और पैरों पर चोटें आई.
पुलिस ने इस मामले में हत्या का प्रयास सहित अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज किया और चार्जशीट दाखिल की.अपर सत्र न्यायाधीश बांदा ने 16 जनवरी 1985 को आरोपियों (accused) को दोषी ठहराते हुए पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई. मुनुवा की अपील उसकी मृत्यु के चलते पहले ही खारिज कर दी गई थी.
इलुवा (accused) उर्फ हरि शंकर ने भी एक एफआईआर दर्ज कराया था. उसमें आरोप लगाया गया था कि चुन्नी लाल और शिवनंदन उनके ट्यूबवेल पर आए और उन पर लाठियों से हमला कर दिया. आत्मरक्षा में अपीलकर्ताओं ने भी हमला किया था.
कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष इलुवा (accused) को लगी चोटों की संतोषजनक व्याख्या नहीं कर सका. सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि यदि अभियोजन पक्ष आरोपी को लगी चोटों की व्याख्या करने में विफल रहता है तो इससे अभियोजन पक्ष की कहानी पर संदेह पैदा होता है.
इससे यह संदेह होता है कि वास्तविक घटना को छिपाने का प्रयास किया गया है. न्यायालय ने इलुवा उर्फ हरि शंकर और बिलुआ उर्फ उमाशंकर (accused) को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
इमरान मसूद (accused) की याचिका की सुनवाई टली
सहारनपुर के कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की याचिका की सुनवाई नहीं हो सकी. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होनी थी.. सहारनपुर के कोतवाली थाने में सांसद इमरान मसूद (accused) के खिलाफ एफआईआर दर्ज है.
आरोप है कि 2014 में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित बयान दिया था. 21 अक्तूबर 2024 को सहारनपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने इमरान मसूद के खिलाफ आरोप तय किया था. इसके खिलाफ इमरान मसूद ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है.
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