झांसी जिला बार एसोसिएशन चुनाव का रास्ता साफ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बार एसोसिएशन झांसी और 2 अन्य की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे झांसी जिला बार एसोसिएशन के चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने एक माह के भीतर बार का चुनाव कराने का निर्देश दिया. यह आदेश जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने दिया है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता शिवेंदु ओझा और राज्य की ओर से स्थायी वकील और प्रतिवादी संख्या 2-बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, प्रयागराज की ओर से अशोक कुमार तिवारी ने बहस की. बहस के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील ने अपनी याचिका को आगे न बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसके बाद याचिका को ‘नॉट प्रेस्ड’ कहकर खारिज कर दिया गया.
अदालत ने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जिला झांसी के चेयरमैन, एल्डर्स कमेटी को निर्देश दिया है कि वे उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के 18 मई, 2025 के आदेश और इस अदालत के रिट सी 27901/ 2024 के आदेश का पालन करते हुए आज से एक महीने के भीतर बार एसोसिएशन के चुनाव कराने होंगे.
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केडीए के वकील को पैनल से हटाने का आदेश वापस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (केडीए) के वकील जेएन मौर्य को पैनल से हटाने का अपना आदेश वापस ले लिया है. कोर्ट ने पहले केडीए को निर्देश दिया था कि वह जेएन मौर्य को हटाकर किसी अन्य वकील को नियुक्त करे जो कोर्ट में पेश हो सके. हालांकि एक संशोधन अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश वापस ले लिया.
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने दीप्ति सचान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें केडीए प्रतिवादी था. सुनवाई के दौरान केडीए के अधिवक्ता जेएन मौर्य मौजूद नहीं थे. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि जेएन मौर्य मुख्य स्थायी वकील हैं और उन्हें राजस्व का काम सौंपा गया है. अगर उनके पास समय नहीं है और वह कोर्ट में पेश नहीं हो सकते हैं तो उन्हें केडीए का काम नहीं लेना चाहिए.
केडीए के उपाध्यक्ष को जेएन मौर्य को पैनल से हटाने का निर्देश दिया था. इसके बाद अधिवक्ता जेएन मौर्य ने एक संशोधन अर्जी दायर की. इस पर कोर्ट ने विचार करते हुए 31 जुलाई 2025 के आदेश में संशोधन करते हुए मौर्य को पैनल से हटाने का आदेश वापस ले लिया.