SDM निचलौल आदेश का पालन करें या 19 को हाजिर हों
महाराजगंज के याचियों को सीजनल संग्रह चपरासी पद पर तत्काल पुनर्नियुक्ति देने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाराजगंज की तहसील निचलौल के SDM को निर्देश दिया है कि लंबे समय से कार्यरत याचियों को सीजनल कलेक्शन चपरासी के रूप में तत्काल पुनर्नियुक्ति दें और अनुपालन हलफनामा दाखिल करे. कोर्ट ने कहा यदि वह (SDM) आदेश का पालन नहीं करते तो अगली सुनवाई की तिथि 19 सितंबर को हाजिर हो.
कोर्ट ने 6 मई 2008 की सीजनल संग्रह चपरासियों की पदोन्नति व वरिष्ठता सूची का रिकॉर्ड पेश करने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा जबतक यह केस तय नहीं हो जाता याचीगण सीजनल संग्रह चपरासी के रूप में कार्य करते रहेगे. यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने हरि प्रताप यादव, कृष्ण मुरारी लाल व बेचन यादव की याचिका पर दिया है.
याचिका पर अधिवक्ता कमलाकांत मिश्र व वरूण मिश्र ने बहस की. इनका कहना है कि याचीगण 1992-93 से कार्यरत हैं. उनसे कनिष्ठ चपरासियों को नियमित कर दिया गया किन्तु उनके बारे में निर्णय नहीं लिया जा रहा है. उन्हें भी नियमित संग्रह चपरासी नियुक्त किया जाय.
नायब तहसीलदार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि नियमित किए गये चपरासी याचियों से वरिष्ठता सूची में सीनियर है और नियुक्ति अधिकारी जिलाधिकारी नहीं अपितु SDM हैं. याचीगण वरिष्ठता सूची में पदोन्नति पाये चपरासियों से कनिष्ठ हैं किंतु हलफनामे में दस्तावेज दाखिल नहीं किए गये है. कोर्ट ने याची अधिवक्ता के तर्क में बल पाया और मूल पत्रावली तलब की है तथा याचियों को सीजनल संग्रह चपरासी पद पर कार्यरत रखने का निर्देश दिया है.
विशेषज्ञ टीम की राय पर कोर्ट नहीं थोप सकती अपनी राय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी ललितपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव खारी,वैजपुर, रामगढ़ के पास मेडियन कट देने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा दुर्घटना होने के कारण गांव वालों के हित में विशेषज्ञ समिति की राय पर कोर्ट अपनी राय नहीं थोप सकती. यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर आधे या एक किलोमीटर की दूरी मायने नहीं रखती.
गांव से एक किमी दूर मेडियन कट से गांव वालों को हो रही परेशानी को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने अशोक पुरी की जनहित याचिका पर दिया है. याचिका का राजमार्ग प्राधिकरण के अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने विरोध किया.
इनका कहना था कि सड़क सुरक्षा को लेकर की गई शिकायत पर सड़क सुरक्षा आडिट फर्म ने अपनी रिपोर्ट में पहले दिये गये मेडियन कट को बंद करने की शिफारिश की है.रिटेल आउटलेट के सामने कट खतरनाक था.और गाइडलाइंस के विपरीत था.जिसे बंद किया गया है.जनता के सुरक्षा हित में बंद किया गया है.
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