अतिक्रमण को लेकर Criminal कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग
लोक संपत्ति क्षति निवारण एक्ट के तहत केस कार्यवाही रद्द

ग्राम सभा की खलिहान जमीन पर अतिक्रमण कर घर बनाने वाले के खिलाफ लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कार्यवाही (Criminal proceeding) कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में राजस्व संहिता की धारा 67 में राजस्व अधिकारियों द्वारा ही कार्यवाही की जा सकती है. आपराधिक केस (Criminal proceeding) नहीं चलाया जा सकता. कोर्ट ने याची के खिलाफ आपराधिक केस कार्यवाही (Criminal proceeding) को अपनी अंतर्निहित शक्ति का इस्तेमाल करते हुए रद कर दिया है.
यह आदेश जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की बेंच ने जमुना प्रसाद उर्फ लल्लू की याचिका पर दिया है. इस पर आरोप था कि उसने प्रयागराज के बारा तहसील में स्थित आराजी नंबर 105 पर अवैध रूप से घर बनाया है जो राजस्व रिकॉर्ड में ‘खलिहान’ के रूप में दर्ज है. यह जमीन ग्राम सभा की सार्वजनिक भूमि है. शिकायत पर पुलिस ने लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया और चार्जशीट दाखिल की.
कोर्ट ने कहा कि अधिनियम का उद्देश्य दंगों और सार्वजनिक हंगामे के दौरान होने वाली तोड़फोड़ और क्षति को रोकना है. यह अधिनियम भूमि पर अवैध कब्ज़े जैसे मामलों से निपटने के लिए नहीं बनाया गया है. ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जे से संबंधित विवादों का निपटारा राजस्व अधिकारियों को करने का अधिकार है. कोर्ट ने मुंशी लाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के फैसले का हवाला देते हुए जमुना प्रसाद उर्फ लल्लू के खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही (Criminal proceeding) को रद्द कर दिया.
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