तहसीलदार की रिपोर्ट Illegal, कब्जेदार की मौत से नहीं की बेदखली
कोर्ट ने डीएमसे पूछा कब हुई अवैध कब्जा करने वाले की मौत, क्यों नहीं की गई बेदखली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर जौनपुर से हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि गड़ही के Illegal अतिक्रमणकारी को 2012 बेदखल करने के तहसीलदार के आदेश पर अमल क्यों नहीं किया गया. तहसीलदार की रिपोर्ट में बताया गया कि अतिक्रमण करने वाले अच्युतानंद की मौत होने के बेदखली नहीं हो सकी. वारिसों के खिलाफ धारा 67 मे केस चल रहा , अगली सुनवाई 25 अगस्त को होनी है. किंतु यह नहीं बताया कि अच्युतानंद की मौत कब हुई, 11मई 12को पारित बेदखली आदेश के बाद मरे तो बेदखली लागू क्यों नहीं की. कोर्ट ने कलेक्टर जौनपुर से वर्तमान स्थिति की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है .
यह आदेश जस्टिस जे जे मुनीर ने माता शंकर राजमणि शुक्ल की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता रोहित नंदन शुक्ल ने बहस की. 31 जुलाई को कोर्ट ने जिलाधिकारी से जानकारी मांगी थी. जिलाधिकारी जौनपुर व एसडीओ मछलीशहर ने हलफनामा दाखिल किया. बताया कि तहसीलदार की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि तरहटी गांव के गाटा संख्या 2912रकबा 0.259 हेक्टेयर गडही दर्ज है. लेखपाल की जांच रिपोर्ट में इसपर अवैध (Illegal) कब्जा पाया गया है.

अच्युतानंद अतिक्रमणकारी के खिलाफ धारा 122बी की कार्यवाही कर बेदखली आदेश 11मई 12को जारी किया गया है. अच्युतानंद की मौत होने के कारण बेदखली नहीं की जा सकी. उनके पुत्रों शिव कुमार,सुमन कुमार,व सुशील कुमार उर्फ छोटे लाल के खिलाफ धारा 67(१) राजस्व संहिता की कार्यवाही की गई है. तहसीलदार की अदालत में 25अगस्त को सुनवाई होगी. कोर्ट ने वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी है.
आय का प्रमाण पत्र निरस्त करने से पहले सुनवाई का मौका देना जरूरी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आय प्रमाण पत्र निरस्त करन से पहले सुनवाई का मौका देना जरूरी है. ऐसा न करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लघंन है. कोर्ट ने तहसीलदार के आय प्रमाणपत्र निरस्त करने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद कर दिया है.और नये सिरे से सत्यापन करने का आदेश दिया है.
कहा कि तहसीलदार याची को नोटिस जारी करेंगे. याची को इसमें मदद करनी होगी. यदि प्रमाण पत्र निरस्त करने का कोई कारण मिलता है तो याची का पक्ष अवश्य सुना जाना चाहिए.
यह आदेश जस्टिस अरिंदम सिन्हा और जस्टिस मंजीव शुक्ला की बेंच ने अंजली दुबे की याचिका पर दिया. याची गाजीपुर, तहसील जखनिया की निवासी हैं. इस समय वह आंगनबाड़ी में कार्यकर्त्री हैं. तहसीलदार ने 27 मार्च 2025 के आदेश से याची के आय प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया. कहा गया कि आय प्रमाण पत्र सबंधित हल्के के लेखपाल के बजाय दूसरे हल्के के लेखपाल की रिपोर्ट पर जारी किया गया था. इस आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी.
याची अधिवक्ता प्रिंस कुमार श्रीवास्तव ने दलील दी कि आय प्रमाण पत्र के ऑनलाइन आवेदन के उपरांत आवेदक की भूमिका खत्म हो जाती है और केवल विभाग की भूमिका ही रहती है. ऐसे में किसी भी गलती के लिए विभाग जिम्मेदार है, याची नहीं. इसके चलते बिना पक्ष सुने आय प्रमाण पत्र निरस्त करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है. तहसीलदार के आदेश से याची की नौकरी खतरे में हैं. सरकारी वकील ने विरोध किया कहा प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से लिया गया है.