Album निर्माता ने दिया विवेचक को 2.80 लाख घूस, लापता का पता नहीं
पुलिस बताये क्यों फेल है अपहृता अनुपमा की गिरफ्तारी में

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया की अनुपमा यादव का Album फिल्म निर्माता सुनील यादव द्वारा अपहरण मामले में विवेचना अधिकारी पर 2 लाख 80 हजार घूस लेने के आरोप की एसपी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूछा है कि लापता अनुपमा यादव की बरामदगी के लिए अब-तक क्या कदम उठाए गए हैं. यह भी बतायें कि किन वजहों से पीड़िता की बरामदगी करने में पुलिस फेल रही है. अभियुक्त याची Album फिल्म निर्माता सुनील यादव ने विवेचना अधिकारी पर घूस लेने का आरोप लगाया है.
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 21 जुलाई को एसपी देवरिया व एसएचओ कोतवाली को तलब किया है. याची Album फिल्म निर्माता सुनील यादव के अधिवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय ने पूरक हलफनामा दाखिल कर बताया कि पीड़िता की बरामदगी नहीं की गई है. विवेचना अधिकारी दरोगा रिजवान अंसारी ने उससे व उसके भाई से घूस मांगा. 27 फरवरी 25 को फोन पे एप के जरिए दरोगा के कहने पर तहउ्उर अंसारी के खाते में 40 हजार भेजे गये. 12 मार्च 25 को 2.40 लाख रूपए विवेचक को नकद दिए गए हैं. कोर्ट ने इस आरोप को गंभीरता से लिया और एसपी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
यह आदेश जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस संदीप जैन की बेंच ने अभियुक्त Album फिल्म निर्माता सुनील यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने दर्ज आपराधिक मामले में लगी याची की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ा दी है. याचिका की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी. इससे पहले कोर्ट ने पीड़िता की बहन शिकायतकर्ता सुष्मिता यादव को नोटिस जारी की थी और राज्य सरकार व सुष्मिता से जवाब मांगा था. किंतु किसी की तरफ से जवाब दाखिल नहीं किया गया.

अपर शासकीय अधिवक्ता ने बताया पीड़िता की अभी तक बरामदगी नहीं की जा सकी है. याची का कहना है कि एक ब्लैकमेलिंग का गैंग है, जो लोगों को झूठे केस में फंसाकर धन की उगाही करता है. इसलिए एफआईआर रद की जाय. बता दें कि सोनदा निवासी सुष्मिता यादव अपने भाई सूर्य कुमार यादव, बहन अनुपमा यादव एक साथ रहते हैं. उन्होंने एफआईआर दर्ज कर याची पर आरोप लगाया कि वह शिकायतकर्ता की बहन अनुपमा यादव से प्रेम करता है. 19 फरवरी 25 को याची उसके घर पर आया और बोला कि वह नेपाल शादी की शापिंग करने जा रहा है. कार में अनुपमा को साथ ले गया.
बाद में अनुपमा का फोन आया कि याची Album फिल्म निर्माता उसे नेपाल नहीं बिहार ले आया है. इसके बाद फोन बंद हो गया. याची को फोन करने की कोशिश की किंतु नहीं उठाया. 22 फरवरी 25 को याची ने फोन उठाया और बताया अनुपमा उसके साथ नहीं है. आशंका जताई कि या तो 25 साल की अनुपमा को बेच दिया या मार दिया है.
याची अधिवक्ता दिलीप पांडेय का कहना था कि वह चैनल के लिए Album अलबम बनाता है. फिल्म लेखक रमेश गुप्ता एक दिन 2024 में अनुपमा के साथ याची से मिले. अनुपमा ने उसे Album फिल्म में काम करने का प्रस्ताव किया. उसने हामी भर दी. याची ने अनुपमा से Album में काम करने के लिए कहा. अनुपमा ने उससे पैसे मांगे. कुल छह-सात लाख रुपए दिया. किंतु Album में काम नहीं किया और बहाने बनाये.

जब पैसा वापस करने या अलबम में काम करने का दबाव बनाया तो धमकाने लगी और अपने आदमी भेजे जिन्होंने याची की पत्नी से छेड़छाड़ और मारपीट की. जिसका केस कोर्ट के आदेश पर सारनाथ, थाना, वाराणसी में दर्ज है. इसके बाद याची को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है.
याची का आरोप है कि सुष्मिता यादव व अन्य का रैकेट है जो आम लोगों को फंसाकर धन उगाही करता है. ऐसे ही आरोप में मनोज यादव व मनीष यादव ने 2 नवंबर 23 को चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. अनुपमा यादव को Album में रोल दिया, पैसे दिए और काम से इंकार करने पर पैसे वापस मांगे तो 23 फरवरी 25 को कोतवाली देवरिया में झूठा केस दर्ज कराया है.