+91-9839333301

legalbulletin@legalbulletin.in

| Register

बिना अधिकार परेशान करने के लिए दाखिल याचिका 50 हजार हर्जाने के साथ खारिज

जो पीड़ित पक्ष नहीं है, दुर्भाग्यवश याचिका दायर करने का अधिकार नहीं

याचिका

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी को परेशान करने के लिए सेवा मामले में बाहरी व्यक्ति को जो पीड़ित पक्ष नहीं है, दुर्भाग्यवश याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट खेल का मैदान नहीं है. इसका इस्तेमाल किसी को परेशान करने के लिए नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने 50 हजार रूपए हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी है.

दो माह में वसूल करें हर्जाना राशि
कोर्ट ने जिलाधिकारी बुलंदशहर को याची से हर्जाना राशि दो माह में वसूली कर सीजेएम को रिपोर्ट करने तथा सीजेएम को हाईकोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस न्यायमूर्ति अजय भनोट की बेंच ने मदनलाल शर्मा की याचिका पर दिया है. विपक्षी कृष्ण कुमार गर्ग नगर पालिका परिषद गुलौटी का दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं. याची एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. परिषद के अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी का कहना था कि नियुक्ति नियमानुसार की गई है. याची पीड़ित पक्ष नहीं है और न ही नियुक्ति प्राधिकारी.

याचिका ब्लैकमेल करने का माध्यम नहीं बन सकती
विपक्षी की नियुक्ति को चुनौती दी है. जिसका उसे विधिक अधिकार नहीं है. याचिका ब्लैकमेल करने का माध्यम नहीं बन सकती. कोर्ट सेवा मामले में प्रतिकूल याचिका दायर करने की अनुमति नहीं देती. याची बाहरी व्यक्ति को नियुक्ति को चुनौती देने का विधिक अधिकार नहीं है. यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग है.केवल परेशान करने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण याचिका दायर की गई है. जिस पर कोर्ट ने ऐसी याचिका को हतोत्साहित करने के लिए 50 हजार हर्जाने के साथ खारिज कर दी है.

इसे भी पढ़ें…

10 thoughts on “बिना अधिकार परेशान करने के लिए दाखिल याचिका 50 हजार हर्जाने के साथ खारिज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *