Covid वारियर्स की क्यों हो रही अनदेखी, 13 को सीएमओ बताएं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से पूछा कि स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती में Covid वारियर्स की अनदेखी क्यों की जा रही है. Covid महामारी के दौरान जान जोखिम में डालकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर संविदा पर अपनी सेवाएं देने वाले Covid कोविड वॉरियर्स को नौकरी से निकाल देने के प्रकरण को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आजमगढ़ से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा है कि सीएमओ ने हलफनामा दाखिल नहीं किया तो कोर्ट डायरेक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन लखनऊ को तलब करेगी.
बृजेश कुमार एवं रामानुज समेत अन्य याचियों की ओर से अधिवक्ता रजत ऐरन एवं राज कुमार सिंह द्वारा जस्टिस अजित कुमार की बेंच के समक्ष बहस की गई कि Covid वॉरियर्स की मुश्किल समय में उत्कृष्ट देश सेवा को सम्मान देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार पुनर्नियुक्ति में प्राथमिकता दिया जाना आवश्यक है ताकि इन कोरोना कर्मियों से लगातार काम लिया जा सके. आजमगढ़ समेत कई जनपदों में इन कर्मियों की सेवा समाप्त कर नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति मनमाने तरीके से शासन की मंशा के विरुद्ध की जा रही है.
शासनादेशों के बावजूद Covid वारियर्स की पुनर्नियुक्ति नहीं की जा रही
स्वीपर, वार्ड बॉय, आया एवं टेक्नीशियन जैसे पदों पर कार्यरत रहे कर्मियों के समक्ष जीवन यापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है. शासनादेशों के बावजूद ऐसे कर्मियों की पुनर्नियुक्ति नहीं की जा रही है किंतु नए अभ्यर्थी संविदा पर रखे जा रहे है. कोर्ट ने यह भी कहा आदेश का पालन न करने पर अगली तिथि को सीएमओ हाजिर हों. याचिका की सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.
One thought on “Covid वारियर्स की क्यों हो रही अनदेखी, 13 को सीएमओ बताएं”