Dependent on deceased की अनुकम्पा नियुक्ति में देरी न करें
हाईकोर्ट ने कहा, सबसे उपयुक्त अर्ह सदस्य की हो नियुक्ति

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित (Dependent on deceased) की अनुकम्पा नियुक्ति मामले में पारिवारिक विवाद की स्थिति को लेकर अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने कहा है कि आश्रित (Dependent on deceased) नियुक्ति में देरी योजना के उद्देश्य में बाधक होगी. विभाग दावे प्रतिदावे पर विचार कर सुयोग्य सही आश्रित (Dependent on deceased) की बाध्यकारी शर्तों के साथ नियुक्ति करे.
कोर्ट ने कहा मृतक आश्रित नियुक्ति सीधी भर्ती में शामिल हुए बगैर सरकारी नौकरी पाने की योजना है जो कर्मचारी के अचानक मौत के बाद परिवार पर आयी आपदा से राहत देती है. इसलिए परिवार के सदस्यों के बीच विवाद पर दायित्वों के अधीन सबसे उपयुक्त आश्रित की नियुक्ति की जाय . अनावश्यक देरी न की जाय.
कोर्ट ने सास बहू के बीच विवाद के कारण नियुक्ति में देरी को सही नहीं माना और कहा कि याची के पति की मां अपने दूसरे बेटे के साथ अपने ससुर के आवास में रह रही और मृतक कर्मचारी की पत्नी अपने नाबालिग बेटे के साथ अलग रह रही. उसके पास मकान नहीं है.उसने आश्वासन दिया कि वह सास की जरुरतों का ख्याल रखेगी और वेतन का बीस फीसदी देने को तैयार हैं.

इसपर कोर्ट ने यूको बैंक क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी को याची मृतक की पत्नी की नियुक्ति (Dependent on deceased) करने का आदेश दिया और कहा कि उसे मिलने वाले वेतन से 20फीसदी की कटौती कर विपक्षी मृतक की मां मीना गुप्ता के खाते में हर माह जमा किया जाय जो याची (Dependent on deceased) की नियुक्ति में बाधक न बने.यह कार्यवाही बैंक दो माह में पूरी करे.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने श्रीमती नैना गुप्ता (Dependent on deceased) की याचिका को तय करते हुए दिया है. मालूम हो कि याची के पति यूको बैंक में लिपिक थे. सेवाकाल में 20जनवरी 24को उनकी मौत हो गई. याची पत्नी ने आश्रित (Dependent on deceased) नियुक्ति की अर्जी दी. किन्तु मृतक की मां ने नियुक्ति के जरूरी दस्तावेज देने से इंकार कर दिया और स्वयं दावा किया. जिसके कारण नियुक्ति (Dependent on deceased) अटकी हुई है.

कोर्ट ने कहा मृतक की मां की आयु 58 साल है और सेवानिवृत्ति आयु 60 साल है तो उसकी नियुक्ति (Dependent on deceased) नहीं की जा सकती. वह दूसरे बेटे के साथ रह रही है जिसका वेतन 13250 रूपये प्रतिमाह है और अपने ससुर के मकान में रह रही है. इसलिए याची (Dependent on deceased) नियुक्ति के लिए सुयोग्य व अर्ह है और अपनी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है. कोर्ट ने कहा जहां पारिवारिक विवाद के कारण कई दावेदार हो तो सबसे उपयुक्त की सशर्त नियुक्ति की जाय, इसे टाली न जाय.अन्यथा आश्रित नियुक्ति योजना (Dependent on deceased) का उद्देश्य विफल हो जायेगा.