AMU के कुलपति की नियुक्ति को चुनौती समाप्त
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका शनिवार को खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा नईमा खातून की योग्यता पर सवाल नहीं है. विजिटर द्वारा नियुक्ति होगी, इसपर भी सवाल नहीं है, केवल खातून के पति कुलपति है इसपर सवाल खड़े किए गये है. प्रति कुलपति होने मात्र से विजिटर द्वारा की गई नियुक्ति पर आपत्ति मामले में हस्तक्षेप का आधार नहीं है.
9 अप्रैल को सुरक्षित हो गया था फैसला
यह याचिका प्रोफेसर मुजाहिद बेग की ओर से दायर की गई थी. जिसमें एक विशेष उम्मीदवार का पक्ष लेने के लिए (AMU) के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. इससे पूर्व नौ अप्रैल, 2025 को जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और और जस्टिस डी. रमेश की पीठ ने याचिकाकर्ता, विश्वविद्यालय तथा केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
नियमों के उल्लंघन का लगाया था आरोप
याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए (AMU) के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के एक्टिंग वीसी प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रोफेसर नाईमा खातून का कुलपति के पद पर चयन करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. याचिका के मुताबिक कार्यवाहक कुलपति चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता कर रहे हैं और उनकी पत्नी कुलपति पद के लिए दावेदार हैं.