12000 रूपये निकाल लेने के आरोपी बैंक कैशियर की dismissal आदेश के खिलाफ याचिका खारिज
ग्राहक के बचत खाते से रूपये निकाल लेने का है आरोप

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक बुलंदशहर के हेड कैशियर देवेंद्र कुमार शर्मा की बर्खास्तगी (dismissal) के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा विभागीय जांच कार्यवाही में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है. उसमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई. इसलिए बैंक के आदेश पर हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है. यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर ने देवेंद्र कुमार शर्मा की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता नसीरुज्जमा व बैंक के अधिवक्ता नरेंद्र कुमार पाण्डेय व सुधा पांडेय ने बहस की.
याची न्यू बैंक आफ इंडिया फरीदकोट में गोदाम कीपर था. 4 सितंबर 1993 को न्यू बैंक आफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो गया. याची की तैनाती अनूपशहर में 2012 में थी. 9 मार्च 2012 को ग्राहक मोबीन खान ने बैंक प्रबंधक से शिकायत की कि उसके बचत खाते से 12000 रूपये निकाल लिए गए हैं.
मैसेज आया है जबकि उसने कोई चेक नहीं दिया और न ही स्वयं निकाला है. जांच बैठाई गई, चीफ जनरल मैनेजर ने जवाब मांगा. सीनियर मैंनेजर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया. याची को चार्जशीट दी गई. सुनवाई का मौका देने के बाद जांच रिपोर्ट पेश की गई. फिर याची को कारण बताओ नोटिस दी गई. व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया गया और दोषी पाते हुए बर्खास्त (dismissal) कर दिया गया. इसके खिलाफ अपील भी खारिज हो गई.जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
Ayurvedic and Unani officer डा अशोक राणा 28 अक्टूबर को तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Ayurvedic and Unani officerडा अशोक कुमार राणा को स्पष्टीकरण हलफनामे के साथ 28 अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है और पूछा है कि आदेश की अवहेलना के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित किया जाय.
यह आदेश जस्टिस नीरज तिवारी ने गाजियाबाद के अश्वनी कुमार की याचिका पर अधिवक्ता राघवेंद्र मिश्र को सुनकर दिया है. इनका कहना है कि याची को मिली एसीपी निरस्त कर दी गई और वेतन से कटौती शुरू की गई. जिस आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. आदेश की प्रति दी गई है इसके बावजूद कटौती की जा रही है जो कोर्ट आदेश की अवहेलना है. कोर्ट ने कहा प्रथमदृष्टया अवमानना का केस बनता है और तलब किया है.