YouTube से ‘Bad Girl’ का टीजर हटाने का निर्देश
मद्रास HC ने कहा, अश्लील सामग्री बच्चों का दिमाग खराब करती है, इसे तुरंत हटवाएं

मद्रास हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को YouTube से फिल्म ‘Bad Girl’ का टीजर हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. ‘Bad Girl’ टीजर में बच्चों के यौन शोषण और अनुचित चित्रण को लेकर गंभीर चिंताओं का हवाला देते हुए तीन व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका में मांग की गई थी कि MeitY को Google को YouTube सहित अपने सभी प्लेटफ़ॉर्म से ‘Bad Girl’ टीजर हटाने का निर्देश देने का निर्देश दिया जाए.
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए. जस्टिस पी. धनबल की बेंच ने टीजर की समीक्षा के बाद कहा,”यूट्यूब पर मौजूद ‘Bad Girl’ तस्वीरों को कोई भी देख सकता है. बच्चों के लिए इन तस्वीरों को देखने और देखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. अगर बच्चे वीडियो की सामग्री देखेंगे, तो निश्चित रूप से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ेगा.
“बच्चों की हर तरह से सुरक्षा करना राज्य का कर्तव्य है. बच्चों की सुरक्षा करना हर नागरिक की सामाजिक जिम्मेदारी है. बिना किसी सामाजिक जिम्मेदारी के, ‘Bad Girl’ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की गई हैं. जब तक यह मौजूद है और बच्चों को दिखाई देती रहेगी, पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है. इसलिए, इसे तुरंत हटा दिया जाना चाहिए.”

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आनंदपद्मनाभन और प्रतिवादियों की ओर से उप सॉलिसिटर जनरल के. गोविंदराजन उपस्थित हुए. कोर्ट ने बच्चों को हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए राज्य और जनता दोनों की संवैधानिक और सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर दिया. टिप्पणी की कि बिना किसी जवाबदेही के ऐसी सामग्री (Bad Girl) को ऑनलाइन अपलोड करना सामाजिक जिम्मेदारी की कमी को दर्शाता है और इससे अनुचित सामग्री के संपर्क में आने वाले बाल पीड़ितों की संख्या में संभावित रूप से वृद्धि हो सकती है.

बता दें कि YouTube को इस मामले में पक्षकार के रूप में नामित नहीं किया गया था. कोर्ट ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी होने के नाते, MeitY इस मुद्दे पर कार्रवाई कर सकता है और आपत्तिजनक सामग्री (Bad Girl) को तुरंत हटाने के लिए YouTube को आवश्यक निर्देश जारी कर सकता है.
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि टीजर स्पष्ट था और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, और तत्काल कानूनी समाधान की आवश्यकता है. उन्होंने दलील दी कि ऑनलाइन माध्यमों से अधिकारियों के पास Bad Girl के कंटेंट को लेकर शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, लेकिन कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई.
दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दलील दी कि उसके पास पहले कोई शिकायत प्राप्त होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है. उसने अदालत को आश्वासन दिया कि अगर औपचारिक शिकायत दर्ज की जाती है, तो कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.
गूगल ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अपलोड की जा रही सामग्री में उसकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है और कहा कि याचिकाकर्ताओं को मामले में एक आवश्यक पक्ष के रूप में YouTube को भी पक्षकार बनाना चाहिए था. कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि Bad Girl टीजर वास्तव में समस्याग्रस्त था और उसे हटाया जाना चाहिए. अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को YouTube को सूचित करने और प्लेटफॉर्म से Bad Girl वीडियो को हटाने में सहायता करने का निर्देश दिया.
“यह न्यायालय प्रथम प्रतिवादी को निर्देश देता है कि वह इस आदेश की तिथि से एक महीने के भीतर YouTube पर https://www.youtube.com/watch?v=y87Jp51PF-s या किसी अन्य पते पर होस्ट की गई फिल्म Bad Girl की उपरोक्त अश्लील सामग्री और वीडियो को हटाने के लिए उचित कार्रवाई करे. प्रतिवादी 3 और 4 भी इस मामले की जाँच करें और निगरानी करें तथा किसी भी प्रकार की बाल पोर्नोग्राफ़ी को रोकने के लिए कानून के अनुसार उचित कदम उठाएँ.”
याचिकाकर्ताओं ने Bad Girl टीजर अपलोड करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की माँग की थी, इस पर विचारण के दौरान कोर्ट ने पाया कि इस संबंध में कोई विशिष्ट विवरण या साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. इसलिए, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को आगे की कार्रवाई के लिए उपयुक्त कानून प्रवर्तन अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी.
Cause Title: R.Ramkumar & Ors. v. The Union of India & Ors.
Excellent job