+91-9839333301

legalbulletin@legalbulletin.in

| Register

केवल 2 केस पर Gunda Act की नोटिस गलत, रद

एडीएम ललितपुर को भविष्य में सावधानी बरतने का निर्देश

केवल 2 केस पर Gunda Act की नोटिस गलत, रद

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि केवल दो आपराधिक केस  के आधार पर उत्तर प्रदेश गुंडा (Gunda) नियंत्रण अधिनियम 1970 के तहत ‘गुंडा(Gunda)  घोषित करना स्थापित विधि सिद्धांत का उल्लघंन है. हाईकोर्ट की बेंच ने याची के खिलाफ गुंडा (Gunda) एक्ट की कार्यवाही रद कर दी है तथा एडीएम ललितपुर को भविष्य में ऐसी नोटिस जारी करने में सावधानी बरतने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस अवनीश सक्सेना की बेंच ने सौरभ कुमार की याचिका पर दिया.

केवल 2 केस पर Gunda Act की नोटिस गलत, रद

याची सौरभ कुमार के खिलाफ 30 जून 2025 को एडीएम ललितपुर ने यूपी गुंडा (Gunda) एक्ट की धारा 3 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था. दो मुकदमों में नाम दर्ज होने व एक बीट रिपोर्ट के आधार पर गुंडा (Gunda) एक्ट की कार्रवाई  की गई थी. याची ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी. दलील दी कि केवल दो आपराधिक मामलों और एक बीट रिपोर्ट के आधार पर इस प्रकार (Gunda) की नोटिस जारी करना कानून का उल्लंघन है.

सुनवाई के दौरान गोवर्धन बनाम राज्य (2023) के मामले का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि मात्र दो मामलों में नाम आने से किसी को ‘गुंडा’(Gunda)  की परिभाषा में नहीं लाया जा सकता. कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद गुंडा (Gunda)  एक्ट की कार्रवाई के लिए जारी की गई एडीएम ललितपुर की नोटिस को प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग मानते हुए रद्द कर दिया. साथ ही उन्हें भविष्य में ऐसे मामलों में कानूनी मानकों का पालन करने और सावधानी बरतने के निर्देश दिए.

हमारी स्टोरीज की वीडियो देखें…

एसएचओ औद्योगिक क्षेत्र नैनी बतायें क्यों दर्ज नहीं की एफआईआर या 2 सितंबर को हो हाजिर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएचओ औद्योगिक क्षेत्र नैनी, प्रयागराज से जवाब मांगा है कि याची के साथ हुई मारपीट की एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की. कोर्ट ने कहा कारण नहीं बताते तो अगली तिथि 2 सितंबर को हाजिर हों. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस संतोष राय की बेंच ने बृजेश कुमार यादव व एक अन्य की याचिका पर दिया है.

याची का कहना है कि नैनी स्थित कालोनी में उसे मकान आवंटित हुआ है.पड़ोसी ने सड़क का अतिक्रमण कर लिया है. जिसके कारण मकान के सामने जल जमा हो रहा है, 8 जुलाई 25 को आपत्ति की तो मारपीट की. पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की. पुलिस थाने पर गये और एसीपी से भी शिकायत की तो नाराज थाना पुलिस ने भी बदसलूकी कर उसे ही बंद कर मारा-पीटा. बाद में एफआईआर दर्ज की किंतु पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह याचिका दायर की गई है. दोनों पक्ष अधिवक्ता है. याचिका की सुनवाई 2 सितंबर को होगी.

इसे भी पढ़ें…

One thought on “केवल 2 केस पर Gunda Act की नोटिस गलत, रद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *