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प्रवक्ता पदों पर भर्ती के लिए TET को अनिवार्य क्यों नहीं? 21 को सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, जब एनसीटीई ने किया है जरूरी तो हाल की भर्ती में इसे अर्हता में क्यों नहीं किया गया शामिल

प्रवक्ता पदों पर भर्ती के लिए TET को अनिवार्य क्यों नहीं? 21 को सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से हाल ही में राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता पदों की भर्ती में TET को अनिवार्य न किए जाने पर जानकारी मांगी है. कोर्ट ने पूछा है कि जब एनसीटीई ने TET अनिवार्य कर रखी है तो हाल की भर्ती में इसे क्यों नहीं शामिल किया गया. अ​खिलेश व अन्य की याचिका पर जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने यह सवाल पूछा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 21 अगस्त की ति​थि तय की है.

याचियों की ओर से अ​धिवक्ता तान्या पाण्डेय ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग जीआईसी और जीजीआईसी में कक्षा छह से 10 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए ​शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है. इसके लिए उसने विज्ञापन जारी किया है. लेकिन, विज्ञापन में ​​शिक्षकों की भर्ती अर्हता में TET को शामिल नहीं किया है. जबकि, एनसीटीई के 2010 के नोटिफिकेशन के अनुसार छह से आठ तक के छात्रों के लिए TET अनिवार्य है.

विज्ञापन छह से 10 तक पढ़ाने वाले ​शिक्षकों की भर्ती के लिए निकाला गया है. इसलिए TET अनिवार्य है. उधर, एनसीटीई के अ​धिवक्ता वैभव त्रिपाठी ने इस पर सहमति जताई. आयोग की ओर से
अ​धिवक्ता पीके रघुवंशी ने कहा है कि आयोग केवल भर्ती के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर रहा है. अर्हता तय करने का काम उत्तर प्रदेश सरकार का है. उत्तर प्रदेश के अ​धिवक्ता राजीव गुप्ता ने जवाब देने के लिए कोर्ट से एक सप्ताह का वक्ता मांगा. कोर्ट ने एक सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 21 अगस्त की ति​थि तय कर दी.

प्रवक्ता पदों पर भर्ती के लिए TET को अनिवार्य क्यों नहीं? 21 को सुनवाई

याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उनके पास विधिवत TET प्रमाणपत्र है, जो कि एनसीटीई द्वारा दिनांक 23.08.2010 की अधिसूचना के अनुसार कक्षा-6 से 8 में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य योग्यता है. सहायक अध्यापक, टीजीटी ग्रेड परीक्षा, 2025 के पद पर चयन के लिए प्रतिवादी संख्या 5 द्वारा जारी किए गए विवादित विज्ञापन में, राज्य और प्रतिवादी संख्या 5 उक्त न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने में विफल रहे हैं और इसलिए विवादित विज्ञापन कानून में टिकने योग्य नहीं है.

प्रतिवादी संख्या 4 एनसीटीई की ओर से उपस्थित वकील वैभव त्रिपाठी ने भी यह तर्क दिया कि एनसीटीई द्वारा दिनांक 23.08.2010 को जारी अधिसूचना के अनुसार, सहायक अध्यापक, टीजीटी ग्रेड के पद पर चयन के लिए TET एक अनिवार्य योग्यता है.

प्रतिवादी संख्या 5 की ओर से उपस्थित अधिवक्ता के राघवंशी ने कहा कि प्रतिवादी संख्या 5 केवल एक परीक्षा निकाय है और पात्रता राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है. अतिरिक्त मुख्य स्थायी अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने प्रतिवादी संख्या 1, 2 और 3 से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगने के बाद इस तर्क का जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा तो सुनवाई की तिथि 21 अगस्त तय कर दी गयी.

कुंभ मेला क्षेत्र में  अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने प्राधिकरण से मांगी रिपोर्ट

प्रवक्ता पदों पर भर्ती के लिए TET को अनिवार्य क्यों नहीं? 21 को सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुंभ मेला क्षेत्र प्रयागराज में स्थाई अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण,  मेला प्राधिकरण तथा नगर निगम प्रयागराज से रिपोर्ट मांगी है.  इसके पहले भी हाईकोर्ट ने सभी विपक्षियों से जानकारी मांगी थी किंतु कोई जानकारी नहीं दी गई.

यह आदेश चीफ जस्टिस अरूण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने मोहम्मद नसीम हासमी की याचिका पर पारित किया है. याची की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि मेला क्षेत्र को विस्तार दिया गया है. मास्टर प्लान में कहा गया है कि मेला क्षेत्र में कोई भी स्थाई निर्माण वगैर अनुमति के नहीं होगा. याचिका में बहुत सारे फोटोग्राफ लगाये गये है तथा कहा गया कि रोक के बावजूद बिना अनुमति मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण कराया जा रहा है.  अधिकांश अवैध निर्माण झूंसी क्षेत्र में हो रहा है. 

कहा गया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद अधिकारी जानकारी प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए विपक्षी अधिकारियों को जरूरी इंस्ट्रक्शन प्रस्तुत करने का एक और मौका देते हुए इस जनहित याचिका पर 11 सितंबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

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