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कानून DM को फ्री हैंड नहीं देता

लोक शांति व लोक सुरक्षा सहित धारा 17 की शर्तों पर ही लाइसेंस हो सकता है निलंबित या निरस्त: हाईकोर्ट

कानून DM को फ्री हैंड नहीं देता
Justice Prakash Padia

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कानून जिलाधिकारी (DM) को फ्री हैंड नहीं देता. कानून की शर्तों के अनुसार ही जिलाधिकारी (DM) को आदेश पारित किया जाना चाहिए. किसी से शत्रुता, शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आधार नहीं हो सकता. केवल आपराधिक केस दर्ज होने पर भी शस्त्र  निलंबित या निरस्त नहीं किया जा सकता. आयुध अधिनियम की धारा 17(3) में दी गई शर्तों के आधार पर ही शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है. ऐसा करते समय जिलाधिकारी (DM) को कारण बताना होगा. कोर्ट ने याची का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के जिलाधिकारी (DM) हापुड़ के आदेश 28 अप्रैल 23 व मंडलायुक्त मेरठ के अपील में पारित आदेश 27 अक्टूबर 23 को अवैध करार देते हुए रद कर दिया और जिलाधिकारी (DM) हापुड़ को दो माह में नये सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस प्रकाश पाडिया ने देवेन्द्र सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.

DM ने लाइसेंस निरस्त कर दिया था
कोर्ट ने कहा याची का शस्त्र लाइसेंस आपराधिक केस के कारण निरस्त किया गया. बाद में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. ऐसे में लाइसेंस निरस्त करने का आधार ही समाप्त हो गया है. याचिका पर अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बहस की. याची के खिलाफ थाना बाबूगढ़ में एफआईआर दर्ज हुई. जिसके आधार पर जिलाधिकारी (DM) ने लाइसेंस निरस्त कर दिया जबकि याची पर लाइसेंस के दुरुपयोग का आरोप नहीं है. याची अधिवक्ता ने दर्जनों नजीरें पेश की जिसके अनुसार लोक सुरक्षा व लोक शांति के आधार पर शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है. जिलाधिकारी (DM) हर केस के तथ्य के आधार पर निर्णय लेंगे. कोर्ट ने कहा कि डीएम (DM) व कमिश्नर दोनों ने धारा 17 पर विचार नहीं किया. मैकेनिकल आदेश पारित किया. यह स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक के विशेषाधिकार का उल्लघंन है. निष्पक्षता से विचार कर निर्णय लेना चाहिए.

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