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व्यक्ति तो स्वर्ग सिधार चुका, लेखपाल उससे मिला कहां, कैसे बनायी अतिक्रमण की रिपोर्ट

जिलाधिकारी से हाई कोर्ट ने पूछा कैसे हुआ मृत गवाहों की मौजूदगी में निरीक्षण

व्यक्ति तो स्वर्ग सिधार चुका

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अजीबो-गरीब मामला आया है! जिसमें लेखपाल ने मृत आत्माओं की गवाही में अपनी मौके की निरीक्षण रिपोर्ट पेश की है. मरे हुए लोगों की गवाही में तैयार रिपोर्ट की जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट को मिली तो जिलाधिकारी फतेहपुर को लेखपाल से जानकारी लेकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देना पड़ा कि आखिर व्यक्ति तो स्वर्ग सिधार चुका, लेखपाल उससे मिला कहां. रिपोर्ट कैसे तैयार की. लीगल बुलेटिन को यह जानकारी कोर्ट में हुई और इस संबंध में जस्टिस की तरफ से फैसले से मेंशन किये गये फैक्टस से हुई है!

याची पर ही लगा दिया अतिक्रमण करने का आरोप
इससे पहले जिलाधिकारी ने हलफनामा दाखिल कर याची पर ही तालाब का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था. जिसे याची अधिवक्ता जेएस बुंदेला ने सिरे से खारिज कर दिया और बताया कि लेखपाल की 26 अक्टूबर 24 की रिपोर्ट में जिन दो गवाहों का जिक्र किया गया है उनमें से एक मिथुन सिंह उस गांव का है ही नहीं. दूसरे छेदीलाल की मौत 20 अप्रैल 2011 को हो चुकी है. जो है ही नहीं या बहुत पहले ही मर चुका है, उनकी गवाही के साथ रिपोर्ट तैयार कर याची को ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया. जगदीश शरण सिंह की याचिका की सुनवाई जस्टिस जेजे मुनीर की एकलपीठ ने की.

फतेहपुर जिले के खागा तहसील का मामला
जिला फतेहपुर की खागा तहसील के लेखपाल तालाब भूमि के अतिक्रमण की मौके की रिपोर्ट भेजने के लिए 26 अप्रैल 24 को मंझनपुर गांव गये थे. कहा याची ने ही अतिक्रमण किया है.भरोसा कर जिलाधिकारी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया. जिसे याची ने सिरे से खारिज कर दिया और लेखपाल की करतूत का खुलासा किया. कोर्ट ने जिलाधिकारी से 7 मई को निरीक्षण करने वाले लेखपाल से जानकारी लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने आदेश की प्रति सीजेएम के मार्फत जिलाधिकारी फतेहपुर को अनुपालन हेतु भेजने का निर्देश दिया है.

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